में अब तक आपने जाना था कि मुझे रास्ते में एक मैडम ने अपनी कार में बिठा लिया था. उनका नाम माला था. काफी देर तक उनके साथ घूमने खाना खाने और सेक्सी बातें करने के बाद चुदाई का मूड बन गया, तो हम दोनों एक होटल के कमरे में आ गए.
अब आगे की गरम औरत चुदाई कहानी:
मैडम ने अपनी बांहें मेरी तरफ फैला दीं, तो मैंने भी उन्हें अपने आगोश में ले लिया और हम दोनों की चूमाचाटी शुरू हो गई.
मैंने मैडम के कान में कहा- दरवाजा बंद कर दूं या खुले में ही केला खाओगी!
मैडम ने मुझे छोड़ते हुए कहा- दरवाजा बंद कर दो.
मैं दरवाजे की तरफ बढ़ गया और मैडम ने अपनी साड़ी को अपने जिस्म पर और भी कस लिया.
मैडम को अपनी बांहों में लेकर मैं लिप किस करने लगा.
मैं इस समय उन्हें अपनी बांहों में लिए हुए दरवाजे तक ले गया और उन्हें दरवाजे से दबा कर चूमने लगा.
मेरी जीभ अब तक मैडम के मुँह में उछलकूद करने लगी थी.
मैडम की शहद सी मीठी जुबान को मैं चूसे जा रहा था.
करीब दस मिनट तक हम दोनों ने किस का मजा लिया. फिर वो मुझसे अलग हुईं और बेड के पास खड़ी हो गईं.
मैं मैडम की जवानी को आंखों से चोदता हुआ उनके पीछे आ गया और उन्हें अपनी बांहों में लेकर उनके नागिन से लहराते हुए बालों को अलग करके गर्दन को चूमने लगा.
मैडम ने ही अपने एक हाथ को पीछे करके मेरी जींस में फूले हुए मेरे लंड को हाथ से सहला दिया.
मैंने पूछा- नाप सही है?
मैडम- मशीन में डालकर नापना पड़ेगा.
मैंने कहा- तब भी मशीन वाली को अंदाज तो होगा ही कि औजार सही है या नहीं.
मैडम पूरी मस्त थीं, बोलीं- केवल साइज़ से क्या होता है … इसकी क्षमता भी चैक करनी पड़ेगी.
मैंने- फुल गारंटी है मैडम … आपको निराश नहीं होना पड़ेगा.
मैडम हंस दीं- हां, पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं.
मैंने कहा- और चुत की कसावट लंड से ही दिखती है.
इस बात पर मैडम गनगना उठीं और मुझे छोड़ कर पलट गईं.
मैंने उन्हें फिर से अपनी बांहों में खींचा और उनकी साड़ी की पिन निकाल कर उनका पल्लू नीचे गिरा दिया.
अब मेरे सामने मैडम के कसे हुए ब्लाउज में उनकी चूचियां घमंड से तनी हुई थीं.
उनके छत्तीस इंच के मम्मे देख कर मुझे रहा नहीं गया और मैंने अगले ही पल अपना मुँह उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके मम्मों पर लगा दिया.
मैडम ने भी मेरा सर अपनी चूचियों पर दबा लिया.
दो मिनट ब्लाउज के ऊपर से ही चूचियों का मजा लेने के बाद मैंने उन्हें अपने से अलग किया और उनकी साड़ी को पूरी तरह से खींच कर उनके बदन से अलग कर दिया.
तभी मैडम ने एक अंगड़ाई ली और मेरे सामने एक पोर्न ऐक्ट्रेस सी माल मेरे सामने अपनी चूचियां ताने हुए खड़ी थी.
मैंने एक पल उन्हें देखा और एक उंगली से इशारा किया कि ब्लाउज खोल दो.
मैडम ने दोनों हाथों से अपने ब्लाउज को खींचा, तो चट चट करते हुए उसके ब्लाउज के सारे बटन खुल गए और ब्लाउज ब्रा में कैद चूचियों पर झूल गया.
आह … पारदर्शी स्किन कलर की जालीदार ब्रा में उनके आधे से अधिक दूध बाहर फुदकने को बेताब दिख रहे थे.
मैं अभी उनकी चूचियों को आंखों से चोद ही रहा था कि मैडम ने अपने पेटीकोट का नाड़ा ढीला कर दिया और अगले ही पल पेटीकोट रहम की भीख मांगता हुआ उनकी चुत पर कसी स्किन कलर की थोंग पैंटी को अनावृत करते हुए जमीन पर गिर गया.
मैंने भी अपनी टी-शर्ट को उतारा और पैंट के बटन खोलते हुए मैडम की तरफ बढ़ गया.
मैडम ने मेरी जींस को उतारा और चड्डी के ऊपर से ही अपने मूसल को सहला कर देखा.
मैंने कहा- कैसा है?
वो मुस्कुराईं और अगले ही पल घुटनों के बल बैठ कर मेरी चड्डी को नीचे करके लंड को बाहर निकालने लगीं.
मैंने भी लंड की चुसाई का अवसर जान कर उनकी एक चूची को दबा कर उन्हें लंड चूसने का इशारा किया.
मैडम ने मेरे लंड के सुपार को चाटा और अगले ही पल गप से लंड को मुँह में भर लिया.
लंड चूसने में मैडम उस्ताद लग रही थीं.
मैंने पूछा- कितने खूंटों को चूसने का अनुभव है!
मैडम ‘खूंटे ..’ शब्द सुनकर हंस दीं और बोलीं- तुम आठवें हो.
मैं मस्त हो गया.
कुछ ही देर में मैं मैडम को उठाया और उन्हें बिस्तर पर गिरा दिया.
इस समय उनके जिस्म पर ब्रा पैंटी के साथ साथ उनकी काले रंग की हील भी थीं.
वो कमरे की दूधिया रोशनी में गोरी मेम का बदन संगमरमर सा चमक रहा था.
मैं उनके ऊपर 69 के पोज में चढ़ गया और उनकी चुत को चड्डी के ऊपर से ही सूंघा.
मस्त महक ने मेरी चुदास बढ़ा दी थी.
मैंने अपने हाथ की मदद से मैडम की पैंटी को अलग कर दिया और चुत पर जीभ फिरा दी.
अपनी चुत पर मेरी जीभ का अहसास पाते ही मैडम ने मादक सीत्कारें भरना शुरू कर दीं और कुछ ही पलों में मैडम की दोनों टांगें एक सौ अस्सी डिग्री में फ़ैल कर हवा में उठी हुई थीं.
वो मेरा लंड चूस रही थीं और मैं उनकी चुत चुसाई में लगा हुआ था.
मैडम की मादक आवाजें बढ़ती ही जा रही थीं.
अब तो माला मैडम की गांड भी ऊपर को उठने लगी थी.
मैं समझ गया कि मैडम की चुत रस छोड़ने वाली हो गई है.
कुछ ही देर तक चुत को चूसा, तो माला मैडम की कराहें भरपूर वासना बिखेरने लगीं. उनकी गांड ने निरंतर ऊपर को उठते हुए अचानक से अपनी चुत का रस भलभला कर उगल दिया.
मैं मैडम की चुत से छूटते इस नमकीन अमृत की एक बूंद भी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहता था.
तो जिस प्रकार से मैडम अपनी उत्तेजना को स्खलन के बिंदु पर प्रगट कर रही थीं, ठीक उसी तरह से मैं भी उनकी चुत को अपने मुँह से दबाए हुए चूसे जा रहा था.
कोई बीस सेकंड के इस ज्वालामुखी बिखंडन के बाद मैडम लस्त हो गईं और बिस्तर पर चुत पसार कर निढाल लेट गईं.
मैं अब भी मैडम की चुत पर अपनी जीभ को ऊपर से नीचे तक फेर रहा था.
फिर मैडम ने मेरे सर पर हाथ फेरते हुए मुझे इशारा किया, तो मैंने सर उठाकर उनकी तरफ देखा.
मेरे चेहरे का रूप एकदम अजीब सा हो गया था.
मुँह के इर्द गिर्द पूरे में चुत की मलाई लगी हुई थी.
मेरा मुंह देख कर मैडम खुश हो गईं. उन्होंने उठ कर मुझे चूमा और मेरे चेहरे पर लगा अपनी चुत का रस चाटने लगीं.
कुछ ही पलों में मैडम ने मेरे पूरे चेहरे को साफ़ कर दिया था.
हम दोनों इस अद्भुत पल का नजारा लेते हुए एक दूसरे को वासना से देखे जा रहे थे.
मेरे सामने मैडम अब भी ब्रा में थीं मगर उनके मम्मे ब्रा से बाहर निकले हुए थे.
मैडम ने कहा- कितना मस्त अहसास था ये … मुझे आजतक ऐसा अनुभव पहले कभी हुआ था.
मैंने मैडम की एक चूची को मुँह से चूमा और उनकी बात से सहमति जताते हुए कहा- क्या आप भरोसा करोगी कि ये मेरा पहला अवसर है.
मैडम- ओ माय गॉड … तुम पहली बार कर रहे हो. मगर तुमने तो कहा था कि तुम शिमला में मजा ले चुके हो?
मैंने कहा- हां. मैं चुदाई की नहीं, चुसाई की बात कर रहा हूँ. किसी कॉलगर्ल की चूत चूसना मुझे गवारा ही नहीं हुआ था.
मैडम ने एक ठंडी आह भरी और बोलीं- अब आगे का सेशन शुरू करें?
मैंने कहा- हां, क्यों नहीं.
मुझे मैडम ने उठने का इशारा किया और हम दोनों उठ कर बैठ गए.
मैडम ने उठकर व्हिस्की की बोतल उठाई, तो मुझे भी तलब लग उठी.
दो पैग बने और उनके साथ इस बार दो दो पैग अन्दर उतर गए.
मैंने इस बार उनकी चूचियों पर शराब उड़ेल कर चूचियां चूसीं.
मैडम ने भी भी अपने हाथ से अपने दूध पकड़ कर मुझे पिलाए.
कुछ ही देर में सुरूर बन गया और हमारी चुदाई की पोजीशन बन गई.
मैडम ने लंड चूस कर उसे गीला किया और चित्त लेट कर मुझे अपने ऊपर आने का इशारा किया.
मैंने लंड सहलाते हुए मैडम की पसरी हुई चुत की फांकों में लंड का सुपारा घिसना चालू कर दिया.
मैडम ने अपनी चुत पर गर्म लंड का सुपारा फील किया तो उनकी मादक कराहें निकलना शुरू हो गईं- आह जान अब मत तड़पाओ … प्लीज़ लंड को अन्दर कर दो. आह जल्दी से मेरी चुत चोद दो.
मैंने मैडम की मादक आवाज का सम्मान किया और अपना खड़ा लंड चुत में पेवस्त कर दिया.
मैडम की एक लम्बी आह निकल गई मगर वो घाट घाट का पानी पिए हुई थी इसलिए उसने एक दो झटकों के बाद ही लंड को चुत में जज्ब कर लिया.
अब चुदाई की मस्त दौड़ लगनी शुरू हो गई.
मैंने मैडम की चुत में बेरहमी से लंड को पेलना चालू कर दिया था.
भले ही माला ने पहले चुदाई का मजा लिया था, मगर आज मेरे लंड के झटकों से वो खुद को सम्भाल ही पा रही थी.
तभी मैंने झुकते हुए मैडम की एक चूची को अपने दांत से दबा कर खींच दिया.
मैडम की सिसकारी निकल गई और वो मुझे इस तरह से चूची काटने के लिए मना करने लगीं.
करीब दस मिनट बाद मैंने मैडम को इशारा किया और उनको कुतिया बन जाने के लिए कहा.
मैडम झट से अपनी गांड हिलाते हुए कुतिया बन गईं.
मैंने पीछे से पोजीशन सम्भाली और सटाक से लंड चुत में पेल दिया.
माला मैडम की लम्बी सीत्कार निकल गई- आह मर गई … धीरे नहीं पेल सकता था?
मैं उनकी इस बात पर हंस दिया और उनके सिल्की चूतड़ों पर चमाट मारने लगा.
मैडम को अब मजा आने लगा था.
मैंने आगे हाथ बढ़ाए और माला मैडम की चूचियों को थाम कर धकापेल चुदाई शुरू कर दी.
कोई पांच मिनट बाद ही मैडम की चुत ने मैदान छोड़ दिया था.
उनकी चुत की मलाई निकली तो मुझे भी रहा नहीं गया और मैंने भी अपने लंड का रस मैडम की चुत में छोड़ दिया.
चुदाई का पहला दौर खत्म जरूर हुआ था. मगर हमारी कामनाएं अभी भी जवान थीं.
फिर मैंने मैडम के साथ बाथरूम में जाकर फव्वारे के नीचे नहाते हुए उनकी एक और चुदाई की.
मैडम मुझसे बहुत खुश थीं.
मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर ले आया.
समय काफी हो गया था. इसलिए हम दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए.
दूसरे दिन मैडम ने मुझे अपने दिल्ली वाले पते को दिया और मुझे दिल्ली आने का न्यौता दिया.
दो महीने बाद मैं किसी काम से दिल्ली गया तो मैंने उन्हें अपने आने का बताया.
वो मेरे आने से बेहद खुश थीं. जब मैं दिल्ली उनके बंगले पर गया तो मेरा बहुत सत्कार हुआ.
रात को शराब की चुस्कियों के बीच मैडम की चुत में लंड पेलने का लुत्फ़ लिया.
अब तो गाहे बगाहे माला मैडम मुझे दिल्ली बुलाती रहती हैं और मुझे काफी कीमती तोहफे भी देती हैं.