मेरी अपनी गर्लफ्रेंड से लड़ाई हो गई और उसने मुझसे बात करना बंद कर दिया।
उसकी चचेरी बहन मेरी भी दोस्त थी, वो हमारे सब राज जानती थी.
गर्लफ्रेंड से लड़ाई के बाद मैं बहुत परेशान हो गया तो मैंने उसकी चचेरी बहन से कहा- तुम उसे समझाओ और हमारी दोस्ती में जो ब्रेक हुआ है, उसे ठीक करवा दो।
उसने कहा कि वो अपनी दीदी से बात करेंगी और मुझे मिलवाएगी भी!
दोस्तो, मैं खुश हो गया और मैंने उसे गले लगा कर धन्यवाद दिया।
मैंने आज तक कभी उसके बारे में ग़लत नहीं सोचा था।
एक दिन उसका फ़ोन आया- राज, मेरी दीदी से बात हो गई है. वो मान गई हैं। क्या तुम उनसे मिलना चाहते हो?
मैं बहुत खुश था और बोला- हां बिल्कुल!
उसने मुझे पता दिया और बोली- हमारी बुआ का घर खाली है, तुम शाम को आ जाओ।
मैं बहुत खुश था और शाम 7:30 में उसके बताए पते पर पहुंच गया।
आसपास बिल्कुल सुनसान था.
मैंने दरवाज़ा खोला और अंदर आ गया।
घर में कोई नहीं दिख रहा था।
मैंने आवाज दी तो अंदर से आवाज आई- दरवाजा बंद करके अंदर आ जाओ।
तो मैंने वैसा ही किया।
घर काफी दिनों से शायद बंद था, मैं धीरे धीरे रूम की तरफ बढ़ने लगा।
अंदर देखा तो खुशबू ( गर्लफ्रेंड की बहन) बिल्कुल दुल्हन की तरह तैयार बैठी हुई थी।
उसने मुझे इशारा किया मैं अंदर आ गया और उसे देखते हुए बोला- तुम्हारी दीदी कहां है?
उसने आगे बढ़कर मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- राज, तुम मुझे देखो, मैं तुम्हारे लिए ही आज सज संवर कर आई हूं।
लेकिन मैं तो अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने के लिए आया हूँ.
खुशबू बोली- क्या मैं इतनी बुरी हूं?
मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है, तुम तो बहुत अच्छी हो। मगर तुम तो मुझे आज अपनी दीदी से मिलवाना चाहती थी न?
फिर मैंने कहा- तुम्हारी दीदी कहां है?
वो आगे आकर मेरे गले से लग गई और मुझे चूमने लगी।
मैंने उसे हटाते हुए कहा- खुशबू होश में आओ … तुम यह क्या कर रही हो?
उसने मुझे फिर से गले लगा लिया और चूमने लगी.
फिर वो बोली- राज, आज मुझे होश में ना आने दो।
उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे शरीर में हाथ फेरने लगी।
अब तक मुझे भी उसका ऐसा करना अच्छा लगने लगा था। जवान लड़की अपनी चूत देने के लिए तैयार बैठी हो तो किसे बुरा लगेगा.
मैंने उससे बात बनाते हुए कहा- पर मैं तुम्हारी दीदी से प्यार करता हूं।
वो बोली- मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. बस आज तुम मुझे भी अपना थोड़ा सा प्यार दे दो।
अब उसका हाथ मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लौड़े पर आ गया था।
मेरे लौड़े को सहला कर उसने जगा दिया था तो अब मैं भी गर्म हो गया था।
अब मैंने खुशबू को चूमना शुरू कर दिया और उसके होठों को चूसने लगा वो भी साथ देने लगी।
अब दोनों बिस्तर पर आ गए और एक दूसरे को चूमने लगे।
मैंने खुशबू के कपड़े उतार दिए तो अब वो ब्रा पैन्टी में थी।
उसने भी मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया और मेरे मोटे लौड़े को चूमने लगी।
आज बहुत दिनों बाद मेरे लौड़े को चूत का मज़ा मिलने वाला था।
मैंने खुशबू की ब्रा उतारी तो उसके बड़े-बड़े मम्मे मेरे सामने फड़फड़ाने लगे.
उसकी बहन के मम्मे इतने बड़े नहीं थे जितने खुशबू के थे.
उसके मम्मे मैंने हाथों में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
धीरे धीरे हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।
उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी तो मैंने उसकी कच्छी उतार कर एक तरफ फेंक दी।
उसकी चूत एकदम चिकनी थी. वो आज ही अपनी चूत के बाल साफ़ करके आयी थी.
मैंने चिकनी चूत में अपनी जीभ लगा दी और वो मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।
अब दोनों एक-दूसरे के अंगों को चूसने लगे।
वो लंड को बड़े मजे से चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा।
मैंने उसकी चूत में जीभ घुसा दी वो लंड को दांतों से दबाने लगी।
अब मैंने उसकी गीली गर्म चूत को अपनी जीभ से चोदना शुरू कर दिया और तेज़ तेज़ झटके लगाने लगा.
हम दोनों की सिसकारियां निकलने लगी।
थोड़ी देर बाद हम दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया और एक दूसरे का पानी पी गए।
कुछ देर बाद ही मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.
खुशबू एक अच्छी खिलाड़ी की तरह दोबारा से मेरा चूसने लगी।
अब खुशबू और उसकी चूत मेरे लंड को अपने अंदर लेने के लिए तैयार हो गई थी।
मैं भी उतावला हो रहा था नयी चूत के लिए … मैंने देर ना करते हुए उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आ गया।
उसके बूब्स को मैं अपने मुंह में लेकर चूसने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था.
वो भी लंड गटकने के लिए काफी उतावली हो रही थी, वो बोली- राज यार … अब देर ना कर और अपना लन्ड मेरी चूत में फ़टाफ़ट से घुसा दे। मुझे चोद डाल!
मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा.
वो मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर रगड़ कर सेट करने लगी.
तो अब मैंने अपने लौड़े को चूत की लकीर में रखकर ज़ोर से धक्का दिया.
पहले ही धक्के में मेरा लंड आधा उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.
और अब तो खुशबू बिना पानी के मछली के जैसे तड़पने लगी।
मैंने उसके होठों को चूसना शुरु कर दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा।
अब फिर मौक़ा देखकर मैंने जोर से एक धक्का और लगाया तो अब मेरा लंड पूरा का पूरा खुशबू की चूत के अन्दर घुस चुका था।
खुशबू दर्द और मजे के मिलेजुले प्रभाव से से मचलने लगी थी.
वो नीचे से अपने चूतड़ हिला रही थी.
मैंने तेज़ तेज़ झटके मारने शुरू कर दिया।
अब मैंने उसके होंठों को आजाद कर दिया और खुशबू को तेज़ तेज़ चोदने लगा.
वो ऊईई ईईह ऊईई ऊह ईईई आह उहह आह ओहह सीईईईई ईईईई करके चिल्लाने लगी।
उसकी चूत अभी तक खुली नहीं थी, मेरा लंड टाइट अंदर जा रहा था।
आज मैं अपनी ही गर्लफ्रेंड की चचेरी बहन को चोद रहा था।
अब धीरे धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और तेज़ी से लंड चूत के अंदर-बाहर करने लगा.
धीरे धीरे खुशबू का दर्द कम होने लगा और वो आह हहह उम्मह हहह औउहह हह करके लंड लेने लगी।
अब मैं उसकी चूचियों को बेदर्दी से मसलने लगा और चूमने लगा।
कुछ मिनट के बाद अब मैंने खुशबू को उठाकर घोड़ी बना दिया और उसके पीछे आकर दोनों हाथों से उसके चूतड़ खोल कर चूत में लंड घुसाया.
वो एक बार फिर सिसकार उठी.
अब मैं उसकी क़मर पकड़कर उसे मस्ती से चोदने लगा. अब मेरा लौड़ा उसकी चूत में अंदर तक जाने लगा.
वो आहहह आहहह करके घोड़ी के जैसे अपनी गांड आगे पीछे करके मज़े लेने लगी।
मैंने उसकी चूचियों को पकड़ लिया और मसलने लगा और चोदने लगा.
अब दोनों खूब गर्म होकर चूत चुदाई करने में लगे थे.
ताबड़तोड़ चुदाई होने लगी।
खुशबू ज्यादा देर मेरे लंड की गरमी को झेल नहीं पाई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
अब मेरा लंड गीला हो गया और फच्च फच्च करके आसानी से अंदर बाहर होने लगा।
एक बार झड़ने के बाद अब खुशबू ने कमर चलाना बंद कर दिया।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी दोनों टांगों को चौड़ा किया और अपना लन्ड घुसा दिया।
अब मैंने जोर से धक्का लगाया.
वो ‘ऊईईई ईई ऊईईईई … मम्मी बचाओ … मैं मर गई!’ चिल्लाने लगी.
पता नहीं कि उसको दोबारा से तेज दर्द क्यों हुआ था.
मैंने उसके होंठों को अपने होठों से चिपका लिया और उसे चोदने लगा।
अब मेरे लौड़े ने रफ्तार बढ़ा दी। मैं गपागप गपागप चोदने लगा। अब गीला लंड चूत में आराम से जाने लगा था।
जल्दी ही खुशबू की चूत ने मेरे लौड़े से दोस्ती कर ली थी।
अब मैं तेजी से लंड को अंदर-बाहर करने लगा.
तभी मेरा शरीर अकड़ने लगा। मैं परमानन्द को प्राप्त करने वाला था.
मैंने कहा- खुशबू मेरी जान … मैं आ रहा हूं. कहाँ निकालूँ अपना माल?
उसने कहा- राज, तुम मेरे अंदर ही निकालो!
मैंने तेज़ी से अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया और झटके में लंड ने वीर्य छोड़ दिया और खुशबू की चूत मेरे वीर्य से भर गई.
मैं उसके नंगे जिस्म के ऊपर लेट गया।
हम दोनों की सांसें तेज चल रही थी।
मेरा गर्म पानी खुशबू की चूत से बाहर निकल रहा था।
थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हुए और निढाल लेट गए.
कुछ देर बाद हम आपस में बात करने लगे.
उसने बताया- राज, मैं बहुत समय से आपको पसंद करती थी. लेकिन दीदी के डर से कह नहीं पायी. आपका ब्रेकअप हुआ तो मुझे अपनी इच्छा पूरी करने का मौक़ा मिल गया.
मैंने उसे चूमते हुए कहा- खुशबू, मुझे तेरे साथ बहुत अच्छा लगा, बहुत मजा आया. लेकिन तेरी दीदी को मैं अब भी उसी तरह चाहता हूँ जैसे पहले चाहता था.
वो बोली- मैं आपकी सुलह दीदी से करवा दूंगी. आप बस मुझे अपने से दूर मत करना. मुझे भी मिलते रहना.
मैंने खुशी से उसको चूम लिया और अगली चुदाई की शुरुआत हो गयी.
और उस रात मैंने खुशबू को 4 बार चोदा।
उसके बाद उसने अपनी बहन से फिर से मेरी दोस्ती करवा दी। उसके बदले वो जब भी मुझे बुलाती हम अकेले में मिलकर जमकर चुदाई का मज़ा लेते।
हमारी चुदाई का उसकी बहन को कभी पता नहीं चला।
मेरी ही गर्लफ्रेंड की चचेरी बहन को चोदकर मैंने लंड का स्वाद चखाया।