होली की अन्तिम मस्ती- 2

इंडियन मेड सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे दोस्तों ने घर की एक नौकरानी की चुदाई की. मगर उसी वक्त दूसरी कामवाली भी आ गई। फिर तो चुदाई का जो खेला हुआ …

दोस्तो, मैं अंजलि आपको अपनी होली में ग्रुप चुदाई की कहानी बता रही थी।
कहानी के पहले भाग
4 लड़कियों की गांड 6 लड़कों ने मारी
में आपने देखा कि 6 लंड हम चार लड़कियों की चुदाई करने पर तुले थे।

जब हम सब लड़कियों की गांड चुद गई तो विक्रम ने अचानक सबको रोक दिया।
वो बोला कुछ नया आजमाएंगे।
हम सब लड़कियों को थोड़ी राहत मिली।

अब आगे इंडियन मेड सेक्स कहानी:

तब विक्रम सुनीता के पास आया और उससे कहा- जा सेटी खींचकर बीच में ला!

वो खड़ी होकर चल भी ठीक से नहीं रही थी फिर भी खींचकर सेटी बीच में लाई।
यह 3 सीटर सेटी थी। उस पर कोई भी आराम से लेट सकता था।

तब विक्रम ने आदिल से कहा- तू आधा इस पर लेट जा और लण्ड सीधा ऊपर कर ले।
आदिल लेट गया।

तब विक्रम ने सुनीता से कहा- चल माँ की चूत … लण्ड को चूत में डाल और आदिल के लण्ड पर दूसरी तरफ मुँह करके बैठ।
सुनीता चुपचाप आदिल के लौड़े पर बैठ गई।

विक्रम ने उससे कहा- अब इस पर ऊपर नीचे उछल!
सुनीता उस पर उछलने लगी और उसे मजा आने लगा और उसने पानी छोड़ दिया।

हमने विक्रम से पूछा- इसमें नया क्या है?
उसने कहा बड़ी जल्दी है जानने की?

तब वो जॉन के पास गया और उसके कान में कुछ कहा।
जॉन हंसने लगा।

तब विक्रम सुनीता के पीछे गया और उसकी दोनों चूची पकड़ कर उसे आदिल के मुँह की तरफ लिटा दिया और उसको कसकर पकड़ लिया। अब आदिल का आधा लण्ड उसकी चूत में दिख रहा था।

जॉन सुनीता की चूत के पास गया और उसे सहलाने लगा।
सुनीता को बड़ा मजा आ रहा था।

अब जॉन सेटी के दोनों तरफ पैर करके खड़ा हो गया और सुनीता की चूत में एक उंगली डाल दी।

आदिल के लौड़े के साथ एक उंगली डालते ही सुनीता को और मजा आने लगा।

तब जॉन ने उंगली निकालकर अपना लौड़ा उसकी चूत से लगाया और धीरे-धीरे उसकी चूत में घुसाने लगा।

सुनीता की चूत में पहले से ही आदिल का लौड़ा था।
जॉन का जरा सा ही अंदर गया था कि सुनीता चिल्लाने लगी- मेरी चूत फट गई भैय्या आआ … आहाह बचाओ कोई मुझे!

वो उठने लगी मगर विक्रम ने उसे पकड़ रखा था।
तब वो हाथ मारने लगी।
विक्रम चिल्लाया- बहन के लौड़ों, इसके हाथ पैर पकड़ो।

तब राजीव, अनिल, सोमेश और गरिमा ने उसके हाथ पैर पकड़ लिये।

सुनीता ने कहा- भैय्या मैं दो लौड़े एक साथ चूत में कैसे लूँगी।
विक्रम बोला- बहन की लौड़ी, इससे बच्चा निकल सकता है तो दो लौड़े तो कुछ भी नहीं!

सुनीता को पता था कि चिल्लाने से कुछ नहीं होगा तो वो चुप हो गई।
तब जॉन ने एक झटके से अपना आधा लौड़ा अंदर कर दिया और वो भी सेटी पर आधा लेट गया।

जॉन और आदिल के लौड़े आपस में एक साथ थे।
तब विक्रम ने सुनीता को सीधा किया और उसके सीधा होते ही दोनों लौड़े उसकी चूत में पूरे घुस गए।

वो दर्द से चिल्लाई- मेरी चूत फट गईईई … ईई … आईई … मम्मी!
विक्रम ने उसे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में दोनों लौड़े उसकी चूत में सेट हो गए।

वो भी उछल उछलकर मजे लेने लगी।
अब विक्रम ने उसे धक्का देकर आगे झुका दिया और अपना लण्ड उसकी गांड में घुसा दिया।
उसकी आंखों से आंसू बहने लगे।
वो बोली- भैय्या छोड़ दो … बहुत दर्द हो रहा है।

मगर राजीव ने उसके मुँह में अपना लण्ड घुसा दिया और अनिल और सोमेश ने उसके दोनों हाथ में अपने अपने लौड़े पकड़ा दिए।

अब विक्रम ने धीरे-धीरे अपना लौड़ा उसकी गांड मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।

हम तीनों लड़कियां एक सोफ़े पर बैठ गयीं। गरिमा बीच में और मैं और साक्षी उसके दोनों तरफ।

धीरे-धीरे सुनीता ठीक हो गई और एक साथ 6 लंड के खूब मजे लेने लगी।

तब गरिमा बोली- यार, कितना मजा आ रहा है इस बहन की लौड़ी को, छह-छह लौड़े एक साथ खा रही है। मुझे भी ऐसे चुदना है।
मैंने कहा- बोल दूँ विक्रम को कि तुझे भी ऐसे चुदवाना है?

तो गरिमा बोली- नहीं आज नहीं, फिर कभी!
तब मैंने उसकी चूची पर चूंटी काटी और उससे पूछा- आज तक कितने लौड़ों से चुदी हो?

उसने कहा- गिनती नहीं है, एमबीबीएस करते हुए बहुत सारे डॉक्टर ने चोदा था।

तभी मैंने उसकी एक चूची मुँह में ले ली और चूसने लगी।
मेरी देखा-देखी साक्षी उसकी दूसरी चूची मुँह में लेकर चूसने लगी।

मैंने गरिमा की चूची चूसते-चूसते अपने लेफ्ट हैंड की चारों उंगलियां उसकी चूत में डाल दीं।
उसने आंखे बंद कर लीं।

तब मैंने साक्षी को इशारा करके साक्षी को उठा दिया और गरिमा को सोफ़े पर लिटा दिया।

फिर साक्षी को गरिमा की चूत चाटने का इशारा किया।
साक्षी गरिमा के पैरों के बीच में बैठकर उसकी चूत चाटने लगी और मैं उठकर गरिमा के मुँह पर चूत खोलकर बैठ गयी।

तब गरिमा मेरी चूत चाटने लगी।
तभी मैंने आगे होकर अपनी गांड का छेद गरिमा के मुँह पर रख दिया।

गरिमा ने अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में डाल दी।
मुझे ऐसा लगा जैसे मैं स्वर्ग में हूँ।

उधर मैंने देखा राजीव और विक्रम ने अपनी जगह बदल ली।
अब राजीव सुनीता की गांड मार रहा था और विक्रम सुनीता का मुँह चोद रहा था।

सुनीता की आंखें बंद थीं और शायद उसे पता नहीं था कि कौन उसे कब और कहां चोद रहा है।
उधर आदिल और जॉन के लौड़े उसकी चूत में थे।

राजीव, अनिल, सोमेश और विक्रम उसकी गांड, मुंह हाथ चोद रहे थे।

इधर मैंने अपनी गांड हटाकर अपनी चूत गरिमा के मुँह पर रख दी और उसके मुँह में पेशाब करना शुरू कर दिया।
साक्षी गरिमा की चूत चाट रही थी तो गरिमा ने बिना ऐतराज किए मेरा पेशाब पी लिया और अपनी जीभ से मेरी चूत चाट कर साफ़ कर दी।

उधर लड़कों ने भी सुनीता को छोड़ दिया और नीचे बिठा दिया।

तब विक्रम ने चिल्ला कर कहा- तुम तीनों बहन की लौड़ी वहाँ क्या कर रही हो, चलो यहां आओ।
हम तीनों उठकर वहां गईं।

तब उसने हमें भी सुनीता के साथ नीचे बिठा दिया। अब राजीव ने अपना लण्ड मेरे मुँह में, विक्रम ने गरिमा के मुँह में, आदिल ने साक्षी के मुँह में और जॉन ने सुनीता के मुँह में ठूंस दिया और चूसने के लिए कहा।

लौड़ों को हमने चूसना शुरू कर दिया और सोमेश ने अपना लण्ड मेरे हाथ में और अनिल ने अपना लण्ड साक्षी के हाथ में दे दिया।
5 मिनट बाद सबने अपना लण्ड खुद पकड़ा और विक्रम ने हम सब को बोला- चलो सब अपना मुँह खोलो।

सबने अपना मुँह खोला और तब सब अपनी मुठ मारने लगे।

सबसे पहले आदिल का सफेद गाढ़ा पानी निकला जो उसने हम चारों के मुँह पर फेंका।
जब वो खाली हो गया तब वो जाकर सोफ़े पर बैठ गया।

फिर विक्रम का पानी निकला और इस तरह सब ने अपना अपना सारा पानी हमारे मुँह पर निकाल दिया।
हम सब के मुँह पर सफेद गाढ़ा चिपचिपा पानी पड़ा था।

तब गरिमा ने सुनीता के निप्पल खींचकर अपनी तरफ बुलाया और उससे कहा- चल माँ की लौड़ी, मेरा मुँह चाटकर साफ़ कर!
सुनीता ने अपनी जीभ से चाटकर गरिमा का मुँह साफ कर दिया और खड़ी हो गई।

मैंने उसके चूतड़ों पर खींचकर एक चांटा मारा और बोला- बहन की लौड़ी, हमारा मुँह कौन साफ़ करेगा?
तब उसने मेरा और साक्षी का मुँह भी चाटकर साफ कर दिया।

तभी मैंने देखा सारे माँ के लौड़े हमारे चारों तरफ खड़े हो गए।
मैंने सोचा अब ये बहन के लौड़े क्या करेंगे।

तभी आदिल बोला- अभी पूरी तरह साफ कहाँ हुई हो, पहले नहा तो लौड़े से?

तब उसने अपने पेशाब की धार गरिमा के सिर पर मारी।
इस तरह बाकी सब ने भी हम पर मूतना शुरू कर दिया।

5 मिनट तक सब हम पर मूतते रहे।
हमारे बाल, हमारा चेहरा और हमारा शरीर सब उनके मूत से गीला हो गया।

विक्रम ने कहा- जाओ तुम तीनों जाकर नहा लो।
सुनीता से कहा कि वो अपने कपड़े उठाए और अपने कपड़ों से ये सारा मूत साफ करे।

सुनीता बड़ी मुश्किल से चल पा रही थी पर फिर भी उसने अपना कुर्ता उठाया और जमीन पर लगाने लगी।

तब तक 8 बज चुके थे।
विक्रम बोला- सब जाकर नहा लो, मगर आज कोई कपड़े नहीं पहनेगा।

उसने सुनीता से कहा- ये साफ़ होने के बाद तू भी जाकर नहा लियो।

फिर विक्रम ने फोन उठाकर किसी को फोन किया और कहा- कावेरी, यहां आकर हम सब के लिए खाना बना दे।
कावेरी सुनीता की बड़ी बहन थी।

वो हम सबको ऐसे देखकर वापस जाने लगी तो विक्रम ने उसे रोका और कहा- हम सब नहाने जा रहे हैं तो तू किचन में जाकर खाना बना दे। हम एक घंटे में खाने आ जाएंगे।

तब उसने सुनीता को देखा मगर कुछ नहीं बोली और चुपचाप किचन की तरफ चली गई।
सुनीता वहीं अपने कुर्ते से जमीन साफ करती रही।

हम भी अलग अलग बाथरूम में नहाने चल पड़े।

हम तीनों लड़कियां एक बाथरूम में और लड़के दो अलग बाथरूम में।
करीब एक घंटे बाद हम सब वापस आए तो देखा डायनिंग टेबल लगी हुई थी।

सुनीता वहाँ नहीं थी और कावेरी किचन में थी।

हम सब नंगे ही डायनिंग टेबल के चारों तरफ चेयर पर बैठ गए।

तभी विक्रम ने कावेरी को आवाज दी तो वो बाहर आई और हम सब को नंगा देखा तो जाने लगी।

तब गरिमा बोली- रुक … और सुनीता कहाँ है?
तब कावेरी रुकी और कहा- सुनीता तो नहा कर सो गई। उसका सारा शरीर दर्द कर रहा था तो मैंने उसे दर्द की गोली देकर सुला दिया।

तब विक्रम बोला- अब हमारा खाना कौन लगाएगा?
कावेरी बोली- भैय्या मैं लगाऊंगी। मगर आप लोग नंगे क्यों हो, कुछ कपड़े पहन लो।

विक्रम ने गुस्से से बोला- बहन की लौड़ी, ये हमारा घर है, हम चाहे जैसे रहें और आज होली है तो सब नंगे ही रहेंगे।
कावेरी डर गई और चुप हो गई।

उस दिन मैंने कावेरी को पहली बार ध्यान से देखा।
वो कोई 26-27 साल की लड़की थी। एकदम काली थी।
उसने साड़ी पहनी थी और मांग में सिंदूर था।

उसका शरीर भरा पूरा था और उसकी चूची काफी बड़ी लग रही थीं। शायद 38-40 साईज की होंगी।
बदन पूरा भरा भरा था। शायद 38-32-36 उसका साइज होगा।

कावेरी ने सबका खाना लगा दिया।
हम सबने हंसी मजाक करते हुए खाना खा लिया।

तभी मैंने देखा आदिल ने विक्रम को कुछ इशारा किया मुझे लगा अब हम तीनों की और गांड फटेगी।

डिनर के बाद हम सब उठकर सोफे पर बैठ गए।
कावेरी ने सारे बर्तन उठाकर किचन में रख दिए।

तब विक्रम ने कावेरी को आवाज दी और कहा- फ्रिज में से सब के लिए आइस्क्रीम ला!

वो बाउल में सबके लिए आइसक्रीम ले आई।
उसने सबको दी और जाने लगी।

तब विक्रम ने उसे रोका और कहा- बीच में खड़ी रह!
उसने कहा भैया- क्यों, कुछ और मंगवाना है क्या?

विक्रम ने गुस्से से कहा- माँ की लौड़ी … जितना कहा है उतना कर!
वो डरकर बीच में खड़ी हो गई।

अब विक्रम ने चम्मच से अपने लौड़े पर आइसक्रीम लगाई और कावेरी से बोला- चल आकर इसे अपने मुँह से चाटकर साफ कर!

कावेरी बोली- भैया, हम ये सब नहीं करते और ना करेंगे।
विक्रम ने अपना मोबाइल उठाया और बोला- देख साली कुतिया … जब उस बुड्ढे गार्ड के टट्टे चूस रही थी तब याद नहीं था कि तू ये सब नहीं करती? ये देख तेरा सीसीटीवी रिकॉर्डिंग।

विक्रम ने उसे मोबाइल दिखाया और कहा- तेरे पति के पास गाँव में भेज दूँ?
उसने देखा और वो डर गई।

विक्रम बोला- देख तेरी बहन के साथ होली अच्छी मनाई थी और अभी होली ख़त्म नहीं हुई तो तेरे साथ भी मनानी है।

अब मुझे समझ आया आदिल ने क्या इशारा किया था।

विक्रम- चल अब इधर आ और आइसक्रीम के पिघलने से पहले इसे चाट ले। अगर ये पिघल कर मेरी गांड में चली गई तो तुझे मेरी गांड चाटनी पड़ेगी।

तब कावेरी भागकर विक्रम के पास गयी और घुटने के बल बैठकर उसका लौड़ा मुँह में ले लिया।
हम सब हंसने लगे।

तभी आदिल खड़ा हुआ और कावेरी के पीछे जाकर उसकी पीठ पर आइसक्रीम गिरा दी और कटोरी साइड में रख दी।

ठंडी ठंडी आइसक्रीम जब कावेरी की पीठ पर लगी तो वो उठने लगी। मगर विक्रम ने उसके कंधे पकड़कर उसे नीचे बिठा दिया और कहा- पहले मेरे लौड़े को चूस और साफ कर।

तभी आदिल ने पीछे से उसके ब्लाउज के ऊपर से ही चूचे पकड़ लिये और बोला- बहन की लौड़ी … बड़े मस्त हैं तेरे बोबे तो!
तब विक्रम ने उसे खड़ी किया और बीच में लेकर आया।

विक्रम बोला- चल हमें भी दिखा तेरे कितने बड़े हैं।
कावेरी बोली- नहीं भैया, मुझे जाने दो।

इतना सुनते ही विक्रम ने फोन में वीडियो चालू किया और फिर से उसे दिखाया।
वो चुप हो गई।

विक्रम अब उसकी साड़ी खुद ही खोलने लगा।
उसने बाकी सब लोगों को भी बुला लिया और कहने लगा- सारे मिलकर इसको नंगी कर दो। बहुत शर्म आ रही है इसे अपने चूचे दिखाने में, गार्ड से तो मजे से चुसवा रही थी।

तब बाकी चारों खड़े होकर कावेरी के पास गए और सोमेश ने एक ही झटके में उसका ब्लाउज फाड़ दिया।
उसने ब्रा नहीं पहनी थी तो वो ऊपर से नंगी हो गई।

हम तीनों लड़कियां हंसने लगीं।

तब आदिल ने उसके पेटीकोट का नाड़ा खींच कर खोल दिया और उसका पेटीकोट नीचे गिर गया।
नीचे भी उसने कुछ नहीं पहना था।

वो नीचे से भी पूरी तरह नंगी हो गई।
विक्रम ने बोला- बहन की चूत … पूरी तरह तैयार होकर आयी है और नखरे दिखा रही है?
कावेरी ने कुछ नहीं बोला।

अनिल ने उसके चूचे दबाने शुरू कर दिए और राजीव ने उसकी चूत पकड़ ली और इतनी तेज दबाई कि उसकी चीख निकल गई।

तब विक्रम ने उसे सोफ़े पर लिटा दिया और सब उस पर टूट पड़े।

कोई उसके निप्पल काट रहा था और कोई उसकी चूत चूस रहा था।
उसे भी अब मज़ा आ रहा था और वो भी सिसकारी ले रही थी।

तभी आदिल ने अपना लण्ड एक झटके में पूरा उसकी चूत में घुसा दिया।
वो चिल्लाई लेकिन आदिल पर कोई फर्क नहीं पड़ा और वो उसे चोदने लगा।

थोड़ी देर में आदिल ने अपना लण्ड निकाला और उसे खड़ा किया और खुद लेट गया।

वो कावेरी को बोला- चल इस पर बैठकर घोड़ा चला!
कावेरी उस पर बैठ गई और लण्ड चूत में ले लिया और घोड़ा चलाने लगी।

तब राजीव ने अपना लण्ड उसके मुँह में दे दिया और जॉन और अनिल ने अपने लौड़े उसके हाथ में दे दिए।

तभी सोमेश उसके पीछे गया और उसे आगे को धक्का दिया और जैसे ही वो झुकी आदिल ने उसके निप्पल दांतों से पकड़ लिये।

अब वो सीधी नहीं हो सकती थी। तब सोमेश ने एक झटके से अपना लण्ड उसकी गांड में पेल दिया।
उसने राजीव का लण्ड मुँह से निकाला और चिल्लाई- बहनचोदों … मेरी गांड फाड़ दी … आहह् आईई … मर गई रे!

ये सुनते ही आदिल ने उसके निप्पल पर जोर से काटा और विक्रम ने उसकी कमर पर एक झन्नाटेदार तमाचा मारा और बोला- बहन की लौड़ी … गाली देती है?

थोड़ी देर में ही दो लौड़े उसकी गांड और चूत मार रहे थे।
अब वो भी मजे ले रही थी। उसकी शक्ल से देख कर लगता था कि वो दो तीन बार झाड़ चुकी होगी।

वो बोल रही थी- बस करो भैया, मैं दो बार निपट गई हूं।
मगर किसी ने भी उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया, सब लड़के एक एक करके बार बार चोदते रहे।

फिर विक्रम ने उसे खड़ी किया तो मैंने देखा वो खड़ी भी ठीक से नहीं हो पा रही थी।

तब विक्रम ने उसे घुटनों के बल बीच में बिठा दिया।
अब विक्रम उसके मुँह पर मुठ मारने लगा और एक मिनट में ही उसने अपना गाढ़ा सफेद पानी (वीर्य) उसके चेहरे पर फेंक दिया।

पानी निकाल कर वो सोफ़े पर आकर बैठ गया।

बाकी सब ने भी ऐसा ही किया; कावेरी का काला चेहरा सारे लड़कों के सफेद वीर्य से भर गया था।

फिर विक्रम ने कावेरी से कहा- चल माँ की लौड़ी … तेरे साथ भी होली खेल ली और 12 भी बज गए तो होली ख़त्म अब। अब ये सब सुबह साफ़ कर देना। फिलहाल तू जा यहां से!

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