गांडू दोस्त की बीवी की चुदाई का मजा

फ्रेंड वाइफ हॉट सेक्स कहानी मेरे एक घनिष्ठ मित्र की है। वो गांडू था. मैंने उसकी गांड मारी थी। उसकी सुहागरात में उसका लंड खड़ा नहीं हुआ। तो मैंने दोस्ती का फर्ज निभाया.

लेखक की पिछली कहानी: पापा ने मुझे गांड चोदना सिखाई

दोस्तो, कैसे हो सब?
आज मैं आपको अपनी एक आपबीती सुनाने जा रहा हूं।

अन्तर्वासना पर मैंने बहुत सी सेक्स कहानियां पढ़ी हैं और अलग अलग तरह की कहानियां पढ़ी हैं।
मेरी यह कहानी भी थोड़ी हटकर ही है।

यह फ्रेंड वाइफ हॉट सेक्स कहानी वैसे तो गे सेक्स कहानी नहीं है मगर फिर भी किसी तरह से इस वाकये से मुझे एक नया अनुभव मिला।
आप भी पढ़ें और मुझे बतायें कि जो मैंने किया वो सही था या नहीं।

तो दोस्तो, यह कहानी मेरी अपनी स्वयं की बीती है जो मैं अब आपको बताने जा रहा हूं।

मेरा एक बेस्ट फ्रेंड संदीप था। संदीप और मैं अच्छे दोस्त भी थे और दोनों एक दूसरे के हमराज भी थे। हम दोनों एक दूसरे से कोई भी बात नहीं छुपाते थे।

संदीप गोरा चिकना हैंडसम लड़का था इसलिए उसको गलत संगति की आदत पड़ गई थी।
वह अक्सर लड़कों की गांड मारता था।
उसकी जवानी की शुरुआत में कई लोगों ने उसकी भी गांड मारी थी।
उनमें से एक मैं भी था।

संयोग से संदीप की शादी मुझसे एक दिन पहले हुई थी इसलिए हम दोनों एक दूसरे की शादी में शामिल नहीं हो पाए।
संदीप सुहागरात के दिन अपनी पत्नी की चुदाई नहीं कर पाया क्योंकि उसका लंड खड़ा ही नहीं हुआ।

इससे उसको बड़ा शॉक लगा और वह आत्महत्या करने की सोचने लगा।

मेरी शादी के 3 दिन बाद उसका फोन आया।
फोन पर वो बहुत परेशान लग रहा था।

मैंने उससे कहा- क्या बात है? तू इतना परेशान क्यों है? तेरी तो अभी नयी नयी शादी हुई है, ऐश कर आराम से!
वो बोला- कैसे करूं यार … मेरा लण्ड खड़ा ही नहीं हो रहा है।

ये सुनकर मैं भी आश्चर्य में पड़ गया।
मैंने कहा- यार यह क्या कह रहा है तू?
वो बोला- सच कह रहा हूं। मेरा लंड खड़ा ही नहीं होता मेरी बीवी के साथ। मैंने सोचा था कि जैसे लड़कों की गांड मारता हूं वैसे ही अपनी बीवी की चुदाई भी किया करूंगा। मगर उसकी चूत में लगाने पर भी मेरा लंड खड़ा नहीं हो रहा है यार … तू ही बता अब मैं कैसे ऐश करूं?

मेरे पास उस पल में उसकी समस्या का कोई समाधान नहीं था।
मैंने उससे कहा- तू मेरे पास आ … फिर बात करते हैं।

थोड़ी देर बाद वह मेरे पास आ गया और उसने पूरी बात मेरे को बतायी।
उसकी बात सुनकर मैं भी परेशान हो गया।

किसी भी लड़के की नयी-नयी शादी हो और वह अपनी बीवी की सुहागरात के दिन चुदाई ना कर सके तो उसकी लड़के के दिल पर क्या बीतती है यह आसानी से समझा जा सकता है।

संदीप ने कहा कि वह आत्महत्या कर लेगा।

मैंने उसे बहुत समझाया और उससे कहा कि मार्केट में सेक्स पावर बढ़ाने के कैप्सूल आते हैं तो उनका इस्तेमाल कर, शायद इस परेशानी का हल हो जाए।

वह इसके लिए तैयार हो गया।
संदीप बहुत परेशान था।

उसने मेरे लंड पर हाथ रख कर दबाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में उसने मेरा लंड निकाल कर चूसना शुरू कर दिया।

मैंने कहा- यह क्या कर रहा है भाई! कोई देख लेगा तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी।
लेकिन वह नहीं माना।
फिर तब तक मुझे भी मजा आने लगा था।

वो आराम से मेरे लंड को चूसे जा रहा था और मैं भी अब मजे में लंड चुसवाने लगा था।

चूंकि अब मुझे भी लंड चुसाई करवाने में मजा आ रहा था इसलिए मैंने उसको रोका ही नहीं।

मैंने देखा कि उसका लंड भी खड़ा हो गया था। मैंने उससे कहा- तू तो कह रहा था कि तेरा लण्ड खड़ा नहीं हो रहा, फिर यह क्या है?

फिर वह रोने लगा।
मैंने कहा- पूरी बात बता?
वो कहने लगा- मैं शादी के पहले कई लड़कों की गांड मार चुका हूं, तुझे तो पता ही है … और अब मुझे लड़कों के साथ सेक्स करने में ही मजा आता है। लड़कियों में मुझे कोई भी रुचि नहीं है।

अब पूरी बात मेरी समझ में आ गई।
मैंने कहा- तू पूरा गे है क्या?
संदीप कहने लगा- नहीं यार … कम उम्र में ही गलत संगत के कारण मैं इस चीज में पड़ गया।

उसने बताया कि एक रिश्तेदार ने कम उम्र में ही उसके साथ गे सेक्स किया था। कई बार उसकी गांड चोदी थी। उस वक्त उसको जवानी का जोश था इसलिए उसको मालूम नहीं चला कि क्या सही है और क्या गलत!

वो बताने लगा कि कैसे फिर उसको भी गे सेक्स और लड़कों के साथ चुदाई करने में मजा आने लगा। फिर उसने भी कई लड़कों को पटाकर उनकी गांड चोदी।

ये सब बताने के बाद उसने फिर से मेरे लंड को मुंह में ले लिया।
वो नीचे से अपने लंड को भी सहलाता जा रहा था।

उसको ये सब करने में इतना मजा आ रहा था कि जैसे वो अपनी सारी परेशानी भूल गया हो।

अब मैं भी कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो चुका था।
मैंने उसके सिर को पकड़ कर उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया।
वो मेरे लंड को पूरा गले में लेने लगा।

तभी मेरा माल उसके मुंह में छूटने लगा।
संदीप ने मेरे सारे माल को अंदर ही गटक लिया और फिर लंड को चाटकर साफ कर दिया।

अब वो मुस्करा रहा था।
मैं भी शांत हो गया था।

मैंने उससे कहा- एक बार दवाई लेकर जा और फिर अपनी बीवी की चुदाई के लिए ट्राई कर!

संदीप सेक्स पावर बढ़ाने के कैप्सूल लेकर अपने घर चला गया और मैं अपने काम में मस्त हो गया।
एक कैप्सूल वो मुझे भी दे गया।

सेक्स पावर बढ़ाने के कैप्सूल के बारे में सुन सुनकर मुझे डर लगता था इसलिए मैंने 1 हफ्ते तक इस कैप्सूल का इस्तेमाल नहीं किया।

उसके बाद एक दिन मैंने कैप्सूल खा लिया और सोचा कि आज रात भर चुदाई करूंगा लेकिन उसका उल्टा असर हुआ।
उस दिन मैं चुदाई नहीं कर पाया क्योंकि सेक्स करने का मेरा मूड बन ही नहीं रहा था; ना ही ढंग से लंड ही खड़ा हो रहा था।

मैं यह देखकर बड़ा हैरान था कि क्या हो गया … दो-तीन दिन तक उस कैप्सूल का असर रहा और सेक्स करने का मेरा मूड नहीं बना।

संदीप ने उसी दिन से वो कैप्सूल खाना शुरू कर दिए थे।
उसका मूड तो कुछ कुछ बना।
अब वह अपनी पत्नी की दो-तीन दिन में एक आध बार चुदाई कर लेता था.

लेकिन इससे उसकी पत्नी संतुष्ट नहीं थी।
वह अक्सर उसको ताने देती रहती थी।

संदीप अपनी पत्नी की चूत मारने की बजाय गांड ज्यादा मारता था इससे उसकी पत्नी परेशान रहती थी क्योंकि उसको चुदाई का पूरा मजा नहीं मिलता था।
ऊपर से संदीप उसकी गांड मारता था तो उसको दर्द होता था।

संदीप का लण्ड भी 6.5 इंच का लंबा और 3 इंच का मोटा था।
इतना मोटा लंड जब किसी की गांड में जाता है तो उसको दर्द होना स्वाभाविक है लेकिन संदीप तो लड़कों की गांड मारता था इसलिए उसे तो गांड मारने की आदत थी और इसी में उसको मजा आता था।

संदीप और मैं शादी के पहले बेस्ट फ्रेंड थे इसलिए हम दोनों में छेड़छाड़ चलती रहती थी जैसा कि आमतौर पर लड़कों में होता है।

जब भी मौका मिलता था संदीप मेरा लण्ड पकड़ लेता था और मैं संदीप का लंड पकड़ लेता था।
हम एक दूसरे की मुठ भी मार देते थे।

कभी-कभी संदीप मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसता था।

संदीप चिकना लौंडा था, एक दो बार मैंने उसकी गांड भी मारी थी।

खैर शादी के बाद मुझे इन सब चीजों में कोई रुचि नहीं थी इसलिए मैंने संदीप से दूरी बना ली थी।

एक दिन संदीप फिर मेरे पास आया।
मैंने पूछा- यार कैसा है तू? तेरी लाइफ कैसे चल रही है?
वह बोला- यार कट रही है बस।

मैं कुछ नहीं बोला।
संदीप बोला- चलो घूमने चलते हैं।
मैंने कहा- ठीक है।

मेरी पत्नी मायके गई हुई थी तो मैंने उससे कहा कि चलो चलते हैं।
संदीप मैं और उसकी पत्नी घूमने के लिए निकल पड़े।
हम लोग एक होटल में ठहरे।

उसकी बीवी से बीच रास्ते में मेरी बहुत बातें हुईं और वो अच्छे से मुझे जान गई।
संदीप और उसकी पत्नी मेरे बगल वाले रूम में ही ठहरे थे।

खाना पीना होने के बाद मैं अपने कमरे में चला गया और संदीप और उसकी पत्नी अपने कमरे में चले गए।

रात में करीब 11:00 से 12:00 बजे के बीच में संदीप के कमरे से जोर-जोर से बोलने की आवाज आ रही थी।
इससे मेरी नींद खुल गई।

मैंने संदीप के कमरे के दरवाजे पर दस्तक दी।
संदीप ने दरवाजा खोला।
वो उस वक्त बिल्कुल नंगा था।

मैं वापस जाने लगा तो संदीप ने मेरा हाथ पकड़ कर कमरे के अंदर खींच लिया।

कमरे में उसकी पत्नी भी बिल्कुल नंगी लेटी थी।
मुझे देखकर उसने अपने ऊपर चादर डाल ली और संदीप ने तौलिया लपेट लिया।

दोनों पति-पत्नी आपस में बहस कर रहे थे।

मैंने कहा- भाई … क्या हुआ … इतनी रात को दोनों क्यों लड़ रहे हो?
संदीप की पत्नी कहने लगी- मेरे तो कर्म ही फूट गये हैं जो इस नपुंसक से शादी हो गई। इसका तो खड़ा ही नहीं होता। बस मेरी गांड मारता रहता है। मेरी चूत की खुजली और प्यास कौन बुझायेगा?

संदीप अपने हाथों से अपना चेहरा छुपाकर रोने लगा।

उसकी समस्या का मेरे पास भी कोई हल नहीं था।

मैं अपने कमरे में वापस जाने लगा तो संदीप ने मुझे पकड़ लिया।

मैंने भी सिर्फ चड्डी पहन रखी थी। उन दोनों को नंगा देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था।

संदीप ने मेरा लंड पकड़ लिया और दबाने लगा।
मैंने कहा- यार यह क्या कर रहा है तू!! पागल तो नहीं हो गया?

वो कहने लगा- आ ना यार … मजा करते हैं। वैसे भी मेरी बीवी ने जितनी बेइज्जती करनी थी वो तो कर चुकी। अब मैं इस तरह घुटकर क्यों रहूं। चल, हम तीनों मिलकर मजा करते हैं।

मैं तैयार हो गया।

मुझे भी संदीप की नई नवेली पत्नी की चूत मारने की तलब लग रही थी।
संदीप ने मेरी चड्डी उतार दी और अपनी चड्डी भी उतार दी।

जाकर मैं संदीप की पत्नी के पास लेट गया और उसके दूध दबाने लगा।
फिर हम दोनों एक एक दूध को पीने लगे।
साथ ही मैं उसकी बीवी की चूत में उंगली करने लगा।

थोड़ी देर बाद में ही उसकी बीवी ने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया और मैं भी उसके मजे लेने लगा, दोनों एक दूसरे को चूसने लगे।
संदीप उसकी बीवी की चूत चाटने लगा।

थोड़ी देर में ही उसकी पत्नी के मुंह से आह … आह … की आवाजें निकलने लगीं।

उसके बाद संदीप दूर हट गया।
मैंने मोर्चा संभाल लिया।
उसकी बीवी भी मुझसे चूत चुदवाने के लिए जैसे मरी जा रही थी।

लग रहा था कि संदीप के लंड से उसकी चूत की प्यास कम होने की बजाय और ज्यादा भड़क गयी थी।
मैंने उसकी चूत पर लंड को टिकाया और एक धक्के में लंड को उसकी चूत में घुसा दिया।

उसको हल्का दर्द हुआ और उसने किसी तरह दर्द को बर्दाश्त कर लिया।
फिर मैंने धीरे धीरे करके पूरा का पूरा लंड उसकी बीवी की चूत में उतार दिया और उसको चोदने लगा।

मुझे तो मजा आ गया।
इतनी गर्म और टाइट चूत थी कि बस किस्मत खुल गई।

मैं तो मन ही मन इस बात को सोचकर खुश हो रहा था कि संदीप उसकी बीवी को नहीं चोद पाता है; इसी वजह से मुझे इतनी सेक्सी और गर्म चूत मिल पाई।

मैं उसकी बीवी की चुदाई करने लगा। बीच बीच में उसके चूचे भी दबा रहा था।

वो भी जैसे मस्त होकर चुदवा रही थी।

संदीप इस बीच मेरे बदन को चूमने चाटने लगा। कभी मेरी निप्पलों को चूसता तो कभी मेरी पीठ और कंधों को!

इधर मैं उसकी बीवी को पेलने में लगा हुआ था।

लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और हम तीनों एक साथ ही लेट गये।

संदीप का लंड अभी उसको परेशान कर रहा था इसलिए संदीप ने अपनी पत्नी की गांड मारना शुरू कर दी।
उसकी पत्नी ना नुकुर करती रही लेकिन संदीप ने उसको नहीं छोड़ा।

आधे घंटे बाद संदीप बोला- चलो दोनों एक साथ इसकी चुदाई करते हैं।

मैं संदीप की बात समझ गया लेकिन उसकी पत्नी इसके लिए तैयार नहीं हो रही थी।
पर काफी समझाने के बाद वह तैयार हो गई।

संदीप ने घोड़ी बनाकर उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया।
मैंने भी उसकी पत्नी की चूत में अपना लंड डाल दिया और दोनों आगे पीछे खड़े होकर एक साथ उसकी चूत और गांड मारने लगे।

फ्रेंड वाइफ को भी बहुत मजा आ रहा था। वह भी मजे से चुदाई करवा रही थी और गांड भी मरवा रही थी।

हम दोनों ने आधे घंटे तक उसकी चुदाई की और उसके बाद मैं उसकी चूत में और संदीप उसकी गांड में ही झड़ गया।

संदीप की पत्नी की चूत और गांड हम दोनों के वीर्य से भर गई।
अपनी पत्नी की चूत संदीप ने चाटकर साफ़ कर दी और उसकी गांड भी चाट कर साफ़ कर दी।

उस रात हम लोगों ने बहुत मजा किया।

फिर जब भी मौका मिलता हम तीनों मजा करते रहे।

उसके बाद समय बीतता गया और हम दोनों के ही बच्चे हो गये।

उसके बाद यह सब बंद हो गया लेकिन मुझे वो दिन बहुत याद आते हैं।

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