खिलौना शोरूम की मालकिन संग सेक्स का मजा

दोस्तो, मेरा नाम जय है. मैं लखनऊ से हूं और मेरी उम्र 32 साल है.

मेरी ये पहली सेक्स कहानी है. मुझे उम्मीद है आपको पसंद आएगी.

यह हॉट लेडी सेक्स कहानी आज से एक साल पहले की है. मैं सदर बाजार में रहता हूं, वहां एक खिलौने की दुकान है.

उस दुकान की मालकिन का नाम सीमा है. सीमा 38 साल की है. वो मुझसे 6 साल बड़ी है. उसकी हाइट 6 फुट की है और उसका बदन बहुत ही सेक्सी है.
ज्यादा हाइट की वजह से वो हॉट लेडी साड़ी में बहुत ही अच्छी लगती है. उसकी चूचियों का साइज 36 इंच का है. कमर 34 की और पिछवाड़ा 38 इंच का है. वो मुझे बहुत ज्यादा पसंद है.

मैं अपने बेटे के लिए कुछ खिलौने लेने उसकी शॉप पर गया था.
उस दिन उसकी दुकान पर कोई नहीं था.

उसने लाल साड़ी पहनी हुई थी जोकि कमर से नीचे नाभि को दर्शाती हुई बंधी थी.
उसने अपने रसभरे होंठों पर लाल लिपस्टिक लगाई हुई थी और हाथों में लाल चूड़ियां पहनी थीं.
सच में वो बड़ी कयामत माल लग रही थी.

जैसे ही मैं उसकी दुकान में गया, वो अपने खिलौने ठीक से लगा रही थी, जिस वजह से मेरी नजर उसके पिछवाड़े पर पड़ी.
उसके मस्त और भरे हुए चूतड़ों को देख कर मैं खिलौने लेना भूल सा गया और सीमा को वासना भरी नजरों से देखने लगा.

पहली ही नजर में मुझे वो मुझे पसंद आ गई थी. मगर मैं उससे कुछ कह नहीं पा रहा था. सच बोलूं तो मुझे कुछ डर भी लग रहा था.

उस दिन मैंने सीमा से कुछ खिलौने खरीद लिए और घर आ गया.

मुझे घर आकर भी उसके भरे हुए चूतड़ ही नजर आ रहे थे.

दूसरे दिन मैं फिर से उसकी दुकान में गया. उस दिन भी मैंने दो खिलौने खरीद लिए और उसकी मादक जवानी को अपनी कामुक आंखों से चोद कर आ गया.

ऐसे ही 7 दिन तक मैं रोज उसकी दुकान में जाता रहा.

एक दिन सीमा बोली- आप मेरे में क्या देखते हो?

वो कुछ गुस्से से बोली … तो मैं डर गया मगर बोला कुछ नहीं.

वो बोली- आप 7 दिन से खिलौने लेने आते हो … और देखते कहीं और हो, चक्कर क्या है?
मैंने कुछ नहीं कहा. बस दो खिलौने खरीदे और घर आ गया.

ऐसे ही मैं करीब दो महीने तक उसकी दुकान के चक्कर लगाता रहा.

इतने दिनों में मुझे पता चल गया था कि वो भी मुझे पसंद करने लगी थी.

मेरी भी हाइट 6 फीट की है, गोरा बदन जिम से सैट की हुई बॉडी थी. मुझे उसकी नजरों से समझ आ गया था कि वो भी मुझे पसंद करने लगी है.

अब समस्या ये थी कि पहले कौन बोले.

जब भी मैं उसकी दुकान पर जाता तो वो मुस्कुरा कर मेरा स्वागत करती और जानबूझ कर अपने मादक जिस्म की नुमाइश करने लगती.
मैं भी उसके बदन को अपनी वासना भरी निगाहों से चोदता रहता.

एक दिन की बात है. मैंने उसे पैसा देते टाइम उसका हाथ थोड़ा सा पकड़ लिया.
वो मुस्करा दी.
मैं समझ गया कि वो मुझे पसंद करने लगी है.

उसने उस दिन मेरे हाथ से अपना छुड़ाने की जरा सी भी कोशिश नहीं की.

मैं उसकी आंखों में आंखें डालकर देखने लगा.

कुछ पल बाद वो इठला कर बोली- कब छोड़ोगे?
मैंने कहा- मैं जिसका हाथ थाम लेता हूँ, उसका हाथ कभी नहीं छोड़ता हूँ.

मेरे मुँह से ये सब न जाने किस झोंक में निकल गया.
वो हंस दी और उसने मेरे हाथ से हाथ छुड़ाते हुए कहा- क्या पीना पसंद करेंगे?
मैंने उसी झोंक में कह दिया कि दूध पीना पसंद करूंगा.

वो मेरी नजरों में नजरें डालकर बोली- उसके लिए तो आपको अभी इंतजार करना पड़ेगा.
मैं समझ गया और एकदम से खुद को सहज करते हुए बोला- अरे वो तो मैंने यूं ही कह दिया था.

वो भी सहज हो गई और हम दोनों बैठ कर कुछ देर बातें करने लगे.

उसने जाते समय मुझसे पूछा- कल कितने बजे आओगे?
मैंने कहा- जब तुम बुलाओगी, हाजिर हो जाऊंगा.

उसने कहा- मैं कैसे बुला सकती हूँ?
मैंने कहा- फोन से.

मैंने ये कहते हुए उसे अपना फोन दे दिया और कहा- इस पर अपना नम्बर डायल कर दो. मेरा नम्बर तुम्हारे पास आ जाएगा.
वो मुस्कुराते हुए मेरे फोन में अपना नम्बर डायल करने लगी.

मैंने जाते हुए कहा- वैसे मैं कल इसी समय आऊंगा.
वो फिर से मुस्कुरा दी.

मैं समझ गया कि मेरी फोन नम्बर लेने की ट्रिक पर वो हंसी थी.

मैं दूसरे दिन भी उसके पास गया और आज वो खुद ही एक खिलौना दिखाते हुए मेरे हाथ से अपना हाथ स्पर्श कराने लगी.

मैंने उसकी हथेली सहलाते हुए कहा- अच्छी है.
वो बोली- क्या?

मैंने कहा- तुम्हारे हाथ की रेखाएं.
वो बोली- अरे वाह, तुम तो नसीब भी पढ़ लेते हो.
मैंने कहा- बस यूं ही कह दिया; मैं इस बारे में खास कुछ नहीं जानता हूँ.

अब तो वो मेरे हाथ से अपना हाथ ही नहीं छुड़ाना चाह रही थी.

उस दिन उससे काफी देर तक यूं ही इधर उधर की बातें होती रहीं.
इसके बाद हम दोनों एक दूसरे को रोज टच करने लगे थे और वो मुझे कटीली स्माइल देने लगी थी.

एक दिन सीमा बोली- तुम बहुत हैंडसम हो!
मैं पहले तो बोल नहीं पाया, पर बाद में हिम्मत करके बोला- सीमा, मैं तुमको पसंद करता हूं.

वो बोली- मुझे पता है पिछले 3 महीने से इसी लिए तो आते हो.
मैं मुस्कुरा दिया.

वो बोली- मुझे तुम्हारा आना अच्छा लगता है.

इस तरह से हमारी प्यार की कहानी आगे बढ़ गई. चूंकि उसकी ये दुकान उसके घर में ही थी.

एक दिन उस के घर में कोई नहीं था. उसके पति दो दिन के लिए दिल्ली गए थे.

रात मैं करीब 10 बजे मैं सीमा के घर गया.
उस दिन बहुत बारिश हो रही थी सुहानी हवा चल रही थी, बड़ा ही सेक्सी मौसम था.

मैं जैसे ही उसके घर के अन्दर गया, तो देखता ही रह गया.
रेड नाइटी में सीमा को देख कर मेरा लंड वहीं खड़ा हो गया.

छह फीट लंबी सीमा और उसके 36 इंच के चूचे एकदम तने.हुए थे. खुले बालों में सीमा क़यामत लग रही थी.

उसे इस रूप में देख कर मेरा लौड़ा खड़ा होकर फनफना रहा था. उसके मम्मों को देख कर मेरा लंड और भी ज्यादा टाइट हो गया था.

मैं सीधा उसके पास गया और अपने होंठ उसके होंठों पर लगा कर चूसने लगा.
वो भी मेरे होंठों को चूमने व चूसने लगी.

एक मिनट बाद मैंने उससे कहा- दरवाजा बंद कर दो.
उसने मेरी आंखों में वासना से देखते हुए दरवाजा बंद कर दिया.

दरवाजा बंद करके वो दरवाजे से ही अपनी पीठ लगा कर मेरी तरफ कामुकता से देखने लगी.
मैं उसके करीब गया और उसे अपनी गोद में उठा कर सोफ़ा पर ले गया.

मेरे हाथों में उसकी गद्देदार गांड थी. मैं हाथ से उसकी गांड को दबा कर सुख ले रहा था.
सच में उसकी मस्त और मोटी गांड पीछे से एकदम रस से भरी हुई थी.

मैंने सीमा को सोफे पर लिटाया और उसके होंठों से अपने होंठ को लगा कर चूसने लगा.
वो भी एकदम गर्म हो गई थी. उसका बदन एक अंगारे जैसा तप रहा था.

एक मिनट बाद मैंने सीमा की नाइटी के ऊपर से ही उसकी एक चूची को मुँह में भर दिया और जोर जोर से खींचते हुए चूसने लगा.

वो भी अपना सीना उठा कर मेरे मुँह में अपना दूध दिए जा रही थी.
उसका एक हाथ मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड टटोलने लगा.
इससे मेरा लौड़ा फुदकने लगा.

मैंने उसे एक करवट किया और उसके पीछे से उसकी गांड पर लंड रगड़ने लगा.
कुछ देर बाद सीमा उठ गई और सोफे के नीचे आकर बैठ गई.

मैं भी उठ कर बैठ गया. सीमा ने मेरे पैंट की चैन खोली और मेरी चड्डी में से लौड़ा बाहर निकालकर अपने मुँह में डाल लिया.
वो मेरे लंड को अपने मुँह में पूरा अन्दर तक चूसने लगी.

मैं उसकी चूचियों को मसल रहा था और एक को अपने मुँह में डाल कर चूस रहा था.

फिर मैं उससे बोला- अब तुम 69 में आ जाओ. मेरा लौड़ा अच्छे से चूसो और मैं तुम्हारी चूत चूसूंगा.

वो झट से अपनी नाइटी उतार कर फर्श पर लेट गई और मैं भी अपने कपड़े निकाल कर उस ऊपर चढ़ गया.
उस पर चढ़ने से पहले मैंने डाइनिंग टेबल से आइसक्रीम की कोन उठा ली और उसकी चुत पर लगा दी.

आइसक्रीम लगाकर मैं उसकी चुत चूसने लगा.

वो बोली- आह बड़ा मज़ा आ रहा है राजा … ठंडी आइसक्रीम और तुम्हारी गर्म जीभ मुझे बड़ा सुकून दे रही है.
मैंने कहा- मुझे भी ऐसे ही मजा दो तब तो मुझे मालूम चले कि ठंडी आइसक्रीम से कैसा लगता है.

उसने भी मेरे लंड पर आइसक्रीम लगा दी और अपने गर्म मुँह में लंड भर कर खूब चूसा.

कुछ ही देर में हम दोनों चुदाई की पोजीशन में आ गए थे.

सीमा ने कहा- अब देर न करो राजा, पहले एक बार मेरी चुत में लंड पेल दो … बाकी का मजा हम दोनों अगले राउंड में करेंगे.
मैंने उससे ओके कहा और घोड़ी बनने के लिया इशारा किया.

वो घोड़ी बन गई और मैंने सीमा की चुत में पीछे से लंड लगा दिया.
सीमा मेरे 8 इंच लम्बे और मोटे लौड़े की छुअन अपनी चुत पर पाकर हिनहिनाने लगी.

मैंने अगले ही पल उसकी चुत में लंड डाल दिया.

सीमा लंड लेते ही कांप गई और दबी आवाज में सिसिया उठी- आह राजा … मार डाला … कितना मोटा है तुम्हारा लौड़ा … आज तक मैंने लम्बे मोटे लंड का स्वाद ही नहीं चखा है … आह मुझे दर्द हो रहा है … जरा धीरे चोदो.

उसके मुँह से सीत्कार निकलने लगी.

मैंने उसकी कमर पकड़ कर लंड की तेज ठोकर मारी, तो वो गनगना उठी और मस्ती में बोल उठी- आह … आज असली मर्द का लौड़ा मिला है.

मैं सीमा को धकापेल चोदने लगा.
पांच मिनट बाद मैंने लंड चुत से खींचा और उसे सोफ़ा पर ले गया.

मैं सोफे पर पहले बैठ गया, फिर मैंने सीमा को मेरे लौड़े पर बैठा लिया.

जैसे ही लंड चुत में फिर से अन्दर घुसा तो सीमा कराही- आह … कितना अन्दर तक जा रहा है … मेरी तो आज फट ही जाएगी राजा … बहुत मोटा लौड़ा है.

कुछ देर तक मैं उसके मम्मे मसलते हुए उसे अपने लंड पर झूला झुलाता रहा.

कुछ देर बाद वो मस्ती में आ गई और बोली- रुको जरा और मजा लेती हूँ.

उसने चुत से लंड बाहर निकाला और पास रखी साइड टेबल से डेयरी मिल्क उठा ली.

ये डेयरी मिल्क काफी देर से रखी थी तो पिघल गई थी.
सीमा ने मेरे लंड पर डेयरी मिल्क लगाई लंड चूसने लगी.

मेरी नजर उसकी मखमली गांड पर थी.
मैंने उसके हाथ से डेयरी मिल्क ले ली और उसकी गांड पर भी लगा दी.

वो अपनी गांड में डेयरी मिल्क लगती देख कर मस्त हो उठी.
मैंने सीमा की गांड पर अच्छे से डेयरी मिल्क मल दी और उसे चूसने लगा.

सच में मुझे सीमा की मोटी गांड चूसकर मज़ा आ गया.
आज तक मैंने ऐसी गांड नहीं देखी थी.

मैंने सीमा से कहा- रानी अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.
वो घबरा कर बोली- न बाबा … तुम्हारा लंड बहुत मोटा और लंबा भी है मेरी गांड फट जाएगी.

मैंने उसे दिलास दी- मैं तुमको प्यार करता हूँ … तुम्हें दर्द होते नही देख सकूँगा.. तुम मुझ पर भरोसा रखो … मैं बड़े प्यार से तुम्हारी गांड मारूंगा.
वो मान गई.

फिर मैंने थोड़ा तेल लिया और उसकी गांड पर लगा कर उंगली से सीमा की गांड को ढीला किया.

उसे भी अपनी गांड उंगली से मजा आने लगा था और उसका डर खत्म हो गया था.
उसने खुद मेरे लौड़े पर तेल लगाया और बोली- धीरे से पेलना.

मैंने ओके कहा और सीमा को सोफे पर घोड़ी बना कर पोजीशन में लिया.
फिर उसके पीछे से गांड के छेद में लंड का सुपारा लगा कर घिसा तो सीमा को मजा आने लगा.

उसने अपनी गांड ढीली की तो मैंने उसी समय एक झटका दे मारा.
मेरा आधा लंड गांड के अन्दर घुस गया.

लंड गांड में घुसा ही था कि सीमा बुक्का फाड़ कर चिल्लाने लगी- उई बाप रे … मेरे फट गई गांड … आह दर्द हो रहहाई.
वो रोने लगी.

उसकी कुंवारी गांड में मोटे लंड को एकदम से पेलने से मेरे लौड़ा भी छिल गया.
फिर मैंने धीरे धीरे उसकी गांड मारी.

गांड मारते समय मैं उसकी गांड में तेल टपकाता गया.
इससे उसे भी मजा आने लगा. वो हॉट लेडी भी गांड मराने से मस्त होने लगी.

कुछ देर की मस्ती के बाद मैंने गांड से लंड निकाला और उसके चूतड़ों पर वीर्य झड़ा दिया.

हम दोनों बहुत खुश थे.

थोड़ी देर बाद मैंने फिर से सीमा की चुत और गांड चोदी.

उस दिन मुझे सीमा की गांड मारने में बहुत मज़ा आया. उस पूरी रात मैं सीमा के घर में ही रहा और सुबह अपने घर आया.

उस दिन के बाद से मैं जब तब सीमा की चुत गांड चोदने लगा था.

आज भी वो हॉट लेडी मेरे साथ सेक्स करती है और बोलती है कि जय तुम्हारा लौड़ा बहुत मस्त है.

हम दोनों ने पोर्न फिल्म देख देख कर लगभग सभी स्टाइल में सेक्स किया है.

आगे एक और सेक्स कहानी मैं आपको सीमा के साथ चुदाई की कहानी में लिखूंगा कि सीमा की मुझसे चुदने की क्या क्या कल्पनाएं थीं और उन सबको मैंने किस तरह से पूरा किया.

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